लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) का पद छोड़ने पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस में नए अध्यक्ष के लिए कई नेताओं के नाम पर मंथन जारी है। इसी बीच खबर है कि वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) जल्द ही राहुल गांधी की जगह कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन सकते हैं।
नवभारत टाइम्स में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को कांग्रेस की कमान संभालने के लिए तैयार कर लिया गया है। हालाँकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अशोक गहलोत अकेले ही कांग्रेस अध्यक्ष होंगे या फिर उनकी सहायता के लिए दो-तीन नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन ये तय है कि कांग्रेस को जल्द ही गांधी परिवार से इतर एक नया अध्यक्ष मिलने वाला है।
बता दें कि बुधवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे गहलोत ने उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने की अपील की। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि लाख मान-मन्नौवल के बाद भी राहुल अपनी जिद पर अड़े रहे और पद पर बने रहने से इंकार कर दिया। राहुल का कहना है कि जबतक पार्टी नया नेतृत्व नहीं चुनती है, तब तक नए सिरे से शुरुआत संभव नहीं है। साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि उनके बदले उनकी बहन प्रियंका गांधी के नाम पर भी विचार न किया जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी से मिलकर उन्हें जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दीं।#HappyBirthdayRahulGandhi..
At AICC, New Delhi pic.twitter.com/PvD4yRArgT— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 19, 2019
गौरतलब है कि बीजेपी द्वारा वंशवाद पर कांग्रेस को लगातार घेरने की वजह से राहुल यह रणनीति अपनाना चाहते हैं। गांधी परिवार से अलग किसी नेता के पार्टी अध्यक्ष बनने से यह मुद्दा खत्म हो जाएगा।
अशोक गहलोत ही क्यों?
देखा जाए तो एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी अध्यक्ष का पद पहले ही नकार चुके हैं। एंटनी ने अपने कमजोर स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। वहीं कर्नाटक के प्रभारी वेणुगोपाल पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी की बात कहते हुए एक और जिम्मेदारी लेने में असमर्थता जता चुके हैं। अशोक गहलोत के पास संगठन चलाने का पुराना अनुभव है। इसके अलावा 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे भी अशोक गहलोत का हाथ माना जाता है। साथ ही, गहलोत पिछड़ी जाति से आते हैं। इसलिए उनके जरिये पार्टी इस समुदाय में पैठ बनाकर अपना खोया जनाधार वापस पाने की जुगत में है।
एक और बात जो गहलोत के पक्ष में जाती है और वो ये कि गांधी परिवार से उनके रिश्ते काफी अच्छे हैं। सोनिया और राहुल गांधी के करीबी होने के साथ-साथ कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ भी उनके समीकरण ठीक हैं।
सचिन पायलट होंगे राजस्थान के सीएम
वैसे खबर यह भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने के लिए अशोक गहलोत को राजस्थान के सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। इस परिस्थति में सचिन पायलट प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। राजस्थान में नई सरकार के गठन के समय से ही गहलोत और पायलट गुट के बीच विवाद और मनमुटाव की खबरें आती रही हैं। ऐसे में पार्टी यह मानती है कि पायलट के सीएम बनने से यह समस्या भी सुलझ जाएगी।
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